उत्तराखंड में साहित्य की सराहना: CM धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया

Sep 15, 2025 - 08:30
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उत्तराखंड में साहित्य की सराहना: CM धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया
उत्तराखंड में साहित्य की सराहना: CM धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया

उत्तराखंड में साहित्य की सराहना: CM धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया

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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी दिवस के मौके पर प्रदेश के साहित्यकारों को ‘उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया। ये आयोजन देहरादून में हुआ जहां उन्होंने राज्य की भाषायी विरासत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

साहित्य सेवी सम्मान समारोह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। उन्होंने स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण की दिशा में भी सरकार के सतत प्रयासों की बात की। उन्होंने कहा, "हमारी समृद्ध भाषायी विरासत महत्वपूर्ण है और इसका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।" ऐसे में आने वाली पीढ़ियाँ अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी रहेंगी।

हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित ‘उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान समारोह’ में मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश और देश भर से आए साहित्यकारों, कवियों और भाषा प्रेमियों को संबोधित करते हुए अपने विचार साझा किए।

मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़ और हीरा सिंह राणा को मरणोपरांत उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित किया। इस अवसर पर सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को भी सम्मानित किया गया।

सीएम धामी ने कहा, "यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं हिंदी को समृद्ध बनाने वाले साहित्यकारों को सम्मानित कर रहा हूँ।" उन्होंने साहित्य साधकों को भी प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हम सभी को अपनी सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए।

उन्होंने हिंदी को आत्मा की अभिव्यक्ति और साहित्य को समाज का प्रतिमान बताते हुए कहा कि साहित्यकार सामाजिक संवेदनाओं के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं और वे समाज को नई दिशा देने का कार्य करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में कवियों की भूमिका को भी याद किया।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का उल्लेख करते हुए महान साहित्यकारों जैसे सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, और शैलेश मटियानी का स्मरण किया। इन रचनाकारों ने उत्तराखंड की संस्कृति को अपने लेखन में जीवंत किया है।

उन्होंने सरकार की साहित्य और संस्कृति के संरक्षण की प्रतिबद्धता को भी दोहराया और बताया कि राज्य सरकार विभिन्न पुरस्कारों के माध्यम से साहित्यकारों को सम्मानित करने तथा रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन कर नई पीढ़ी को प्रोत्साहित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि “दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान” के तहत साहित्यिक उत्कृष्टता के लिए ₹5 लाख की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जाएंगे जिससे उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "हम कक्षा 6 से लेकर डिग्री स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं।" इस वर्ष, सरकार ने 176 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारे देश का साहित्य वैश्विक पहचान रखता है, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पहचान को नई दिशा दी गई है। उन्होंने सभी साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे अपनी रचनात्मकता से उत्तराखंड और भारत की सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध बनाएं।

इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, सचिव नीरज खैरवाल और प्रदेश के कई गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे। इस सम्मान समारोह ने उत्तराखंड के साहित्यिक समाज को एक नई प्रेरणा दी है।

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टीम यंग्सइंडिया - प्रिया शर्मा