हरेला पर्व 2023: एनएमओ ने मेडिकल कॉलेज और स्कूल में वृक्षारोपण कर दी प्राकृतिक सुरक्षा की नई दिशा

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उत्तराखंड की नवोदित परंपरा एवं प्रकृति सुरक्षा को समर्पित हरेला पर्व के अवसर पर नेशनल मेडिकोस ऑर्गनाइजेशन (NMO) द्वारा वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर गढ़वाल में वृक्षारोपण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस बार, एनएमओ ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता और हरियाली के संरक्षण का महत्वपूर्ण संकल्प लिया है।
हरेला पर्व का सांस्कृतिक महत्व
कम शब्दों में कहें तो, हरेला पर्व उत्तराखंड की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसे खासकर वर्षा ऋतु में मनाने की परंपरा रही है। इस अवसर पर लोग न केवल अपनी खुशियों का इजहार करते हैं बल्कि प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का भी प्रयास करते हैं। वृक्षारोपण इस पर्व का एक पावन कार्य है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन
NMO की पहल के अंतर्गत, मेडिकल कॉलेज परिसर में आयोजित पहले कार्यक्रम में प्रमुख चिकित्सकों, जैसे डॉ. कैलाश गैरोला और डॉ. सुरेन्द्र सिंह नेगी ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने वृक्षारोपण की प्रक्रिया और इसके महत्व के बारे में जानकारी साझा की। बातचीत में यह भी बताया गया कि वृक्षारोपण जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
स्थानीय स्कूलों में वृक्षारोपण
एनएमओ ने इस पर्व पर स्थानीय स्कूलों में भी वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए। बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की अहमियत के बारे में शिक्षित किया गया, जिससे वे अपने भविष्य में प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सजग रहें। ऐसे कार्यक्रम बच्चों में प्राकृतिक पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सहायक होंगे।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठा कदम
याद रहे कि एनएमओ ने वृक्षारोपण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने संकल्प की फिर से पुष्टि की है। यह पहल न केवल अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना चाहती है, बल्कि उनके जिम्मेदारियों का एहसास भी कराना चाहती है।
निष्कर्ष
हरेला पर्व के अवसर पर एनएमओ द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल स्थानीय समुदाय में हरियाली की छटा बिखेरता है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी देता है: हमें अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए। यह हमारा साझा दायित्व है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और सुगम वातावरण सुनिश्चित करें। वर्तमान समय में इस प्रकार के आयोजनों की और भी अधिक आवश्यकता है।
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टीम यंग्सइंडिया
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