सारकोट की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से की महत्वपूर्ण मुलाक़ात, विकास योजनाओं पर हुई विस्तृत चर्चा

सारकोट की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने सीएम धामी से की मुलाक़ात
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कम शब्दों में कहें तो: सारकोट की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर गांव के बुनियादी ढांचे, जल-संसाधन और शिक्षा के सुधार हेतु समर्थन मांगा। बैठक में विकास योजनाओं को तेज करने पर सहमति के संकेत मिले।
परिचय और बैठक का परिप्रेक्ष्य
बुधवार को गैरसैंण में हुई यह मुलाकात स्थानीय विकास को लेकर सहयोग और त्वरित क्रियान्वयन के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सारकोट, जो मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम के रूप में चुना गया है, वहां की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने सीधे मुख्यमंत्री से मिलकर ज़मीनी मुद्दों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्य मुद्दे: सड़क, पानी और शिक्षा
प्रियंका नेगी ने बैठक में साफ तौर पर कहा कि सारकोट में सड़क संपर्क, स्थायी जलापूर्ति, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण और स्कूलों में शिक्षण संसाधनों की भरपाई आवश्यक है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY), जल जीवन मिशन और राष्ट्रीय शिक्षा अभियानों के तहत सारकोट के लिए तुलनात्मक लाभ सुझाए और स्थानीय ज़रूरतों के अनुकूल अनुदान की मांग रखी।
सीएम धामी की प्रतिक्रिया और सरकारी संकेत
मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान ग्राम प्रधान की बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि ज़रूरी संसाधन उपलब्ध कराने की सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आदर्श ग्राम पहल के तहत यदि स्थानीय योजनाएँ ठीक तरह से लागू हों तो मॉडल वर्किंग ग्राम का उदाहरण तैयार हो सकता है। अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने तथा फंडिंग-प्राथमिकताओं का जल्द पुनर्मूल्यांकन करने का आश्वासन बैठक में दिया गया।
हमारी रिसर्च और अतिरिक्त सुझाव
यंग्सइंडिया की टीम ने स्थानीय अधिकारियों और ग्रामीणों से बातचीत कर पाया कि सारकोट में छोटे-छोटे विकास कार्य जैसे पक्की नालियों, सौर ऊर्जा से संचालित सार्वजनिक लाइटिंग, स्कूलों में डिजिटल कक्षाओं तथा महिलाओं के लिए स्वरोजगार प्रशिक्षण पर फ़ोकस किया जा सकता है। हम सुझाव देते हैं कि ग्राम स्तर पर एक स्पष्ट समय-सीमा और मॉनीटरिंग मैकेनिज़्म हो — जिससे योजनाओं का प्रभाव त्वरित रूप से नजर आए।
सामुदायिक भागीदारी का महत्व
प्रियंका नेगी ने बैठक में बताया कि अगर ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह और स्थानीय युवा मिलकर परियोजनाओं की निगरानी करें तो पारदर्शिता बढ़ेगी। यह तरीका सरकारी फंडिंग के साथ सामुदायिक जवाबदेही जोड़कर विकास को स्थायी बना सकता है।
निष्कर्ष और आगे की राह
यह मुलाकात स्थानीय नेतृत्व और राज्य सरकार के बीच बेहतर संवाद का संकेत है। सारकोट के लिए उठाये गये कदमों की समय-सीमा और क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर निगरानी जरुरी है ताकि वादे जमीन पर बदले जा सकें। ताज़ा अपडेट और विस्तृत रिपोर्ट के लिए हमारी वेबसाइट देखें: https://youngsindia.com
रिपोर्ट: साक्षी बिष्ट, टीम यंग्सइंडिया
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