उत्तरांचल उत्थान परिषद ने ‘हरेला महोत्सव 2025’ का भव्य उद्घाटन किया
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देहरादून: सावन मास की संक्रांति के शुभ अवसर पर उत्तरांचल उत्थान परिषद ने ‘हरेला महोत्सव 2025’ का शुभारंभ किया। यह महोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के मोथरावाला क्षेत्र में स्थित ‘एडिफाई वर्ल्ड स्कूल’ परिसर में किया गया, जिसमें बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया गया।
वृक्षारोपण का व्यापक महत्व
‘हरेला महोत्सव’ न केवल हमारे सांस्कृतिक पर्वों का हिस्सा है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा का भी प्रतीक है। इस साल के वृक्षारोपण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, बच्चों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर औषधीय और छायादार पेड़ों की विभिन्न प्रजातियों को रोपित किया गया, जो भविष्य में प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होंगे। वृक्षारोपण के माध्यम से स्थानीय समुदाय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का भी प्रयास किया गया है।
विचार गोष्ठी में ज्ञानवर्धक संवाद
कार्यक्रम की शुरुआत में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रमुख वक्ता शामिल हुए। इस गोष्ठी में संस्कृति, पर्यावरण और सामाजिक समृद्धि के मुद्दों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विशेषताओं को उजागर करते हुए पर्यावरण सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम पारंपरिक पर्वों का आयोजन करते समय पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहें।
स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी
इस महोत्सव में स्थानीय समुदाय की भागीदारी ने इसे और भी खास बना दिया। बच्चों ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर पौधों को लगाया, जिससे उन्हें प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण की भावना का अनुभव हुआ। परिषद की अध्यक्ष ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि इस पर्व के माध्यम से बच्चों को प्रकृति प्रेम और उसके संरक्षण की प्रेरणा मिले।"
निष्कर्ष: सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल
‘हरेला महोत्सव 2025’ का आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमारे संस्कृति और पर्यावरणीय मूल्यों को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। उत्तरांचल उत्थान परिषद की मेहनत से निश्चित रूप से उत्तराखंड की संस्कृति और पर्यावरण की रक्षा में एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और हम मिलकर एक हरित भारत की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
कम शब्दों में कहें तो, ‘हरेला महोत्सव’ पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है।
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टीम यंग्सइंडिया
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