मुख्यमंत्री धामी ने पं. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर उनके योगदान को याद किया

मुख्यमंत्री धामी ने पं. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर उनके योगदान को याद किया
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक पं. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जून को पं. गोविंद बल्लभ पंत की 132वीं जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत जी ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में अदम्य साहस और निस्वार्थ भाव से योगदान दिया। वह न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक श्रेष्ठ वक्ता और समाज सुधारक भी थे।
पं. गोविंद बल्लभ पंत का योगदान
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री एवं भारत के दूसरे गृह मंत्री थे। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने कई ऐतिहासिक परिवर्तन देखे। पं. पंत के विचार अब भी हमें जनसेवा और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी विचारधारा का अनुसरण करना आज की युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक है ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
जयंती पर आयोजनों का महत्व
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पं. गोविंद बल्लभ पंत की तस्वीर के समक्ष श्रद्धांजलि देने की साक्षी बटोरी, जिससे उनकी विरासत और विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प एक बार फिर सशक्त हुआ। उन्होंने कहा, "पं. बल्लभ पंत की जीवन यात्रा हमें प्रेरित करती है कि समाज विकास के लिए अपने कर्तव्यों की ओर ध्यान देना चाहिए।"
एक समर्पित समाज सेवक के रूप में पं. गोविंद बल्लभ पंत ने शिक्षा, कृषि और समाज कल्याण के क्षेत्र में भी जबरदस्त योगदान दिया। उनके द्वारा स्थापित नीतियों और सुधारों ने आज के उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें पं. गोविंद बल्लभ पंत के अधूरे सपनों को साकार करने के लिए उनकी प्रेरणाओं को जीवन में उतारना होगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे पं. पंत की मिसाल पर चलकर समाज के कमजोर वर्गों की सेवा करें और अपने समुदाय में सकारात्मक योगदान करें।
अंत में, उन्होंने श्रद्धांजलि देने वालों से यह भी कहा कि हमें पं. पंत की विचारधारा को आगे बढ़ाने का वचन देना चाहिए ताकि उनकी उपलब्धियाँ सदियों तक याद रखी जा सकें।
यह जयंती हमें याद दिलाती है कि महान विचारक और नेतागण हमारे समाज के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही, यह हमें अपने देश और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का भी अहसास कराती है।
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टीम यंग्सइंडिया
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