नैनीताल नंदाष्टमी महोत्सव: कदली पौधों की अनोखी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर

Aug 24, 2025 - 23:51
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नैनीताल नंदाष्टमी महोत्सव: कदली पौधों की अनोखी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर
नैनीताल नंदाष्टमी महोत्सव: कदली पौधों की अनोखी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर

नैनीताल नंदाष्टमी महोत्सव: कदली पौधों की अनोखी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर

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कम शब्दों में कहें तो, इस साल नैनीताल में मनाया जा रहा मां नंदा सुनंदा महोत्सव का 123वां संस्करण भक्ति और महोत्सव के रंग में रंगा है। इस धार्मिक उत्सव का आकर्षण कदली पौधे से बनी मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा है, जो हमारी धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। भक्तजन इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मां की मूर्तियों का पूजन करते हैं, जो एक अनोखा अनुष्ठान है।

कदली की परंपरा: हमारी सांस्कृतिक पहचान

नंदाष्टमी महोत्सव में कदली पौधे का महत्व अत्यधिक है। लोक कलाकार केले के तनों को तराशकर जीवंत मूर्तियां बनाते हैं, जो इस परंपरा की गहराई को साथ लाते हैं। यह कोई साधारण अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह उनकी मेहनत और कला का प्रतिबिंब है। इस विशेष वर्ष में, स्थानीय कलाकार इस परंपरा की अद्भुतता को एक प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे, जिससे दर्शक इस कला की बारीकी को समझ सकेंगे।

आस्था का महासागर: श्रद्धालुओं की उपस्थिति

जैसे-जैसे नंदाष्टमी का दिन करीब आता है, नैनीताल का मंदिर परिसर भक्तों से भरा रहने लगता है। लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ यहां आकर इस अद्भुत पर्व का आनंद उठाते हैं। भक्तों की यही भावना होती है कि मां नंदा की कृपा हमेशा उनके जीवन में बनी रहे। पूजा और आरती के समय, यहां का माहौल श्रद्धा और सकारात्मकता से भरा होता है। भक्तजन भक्ति गीतों में भाग लेकर इस समारोह को और भी खास बना देते हैं।

नगर भ्रमण: उत्सव का जश्न

महोत्सव का सबसे खास हिस्सा नगर भ्रमण होता है, जहां मां की भव्य झांकियां शहर की सड़कों पर निकलती हैं। हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए निकल पड़ते हैं। यह अवसर धार्मिकता को बढ़ावा देने के साथ ही सामाजिक एकता और भाईचारे को भी प्रोत्साहित करता है। नगर भ्रमण के दौरान, लोग नंदा जी की भक्ति का उत्सव मनाते हैं, जिससे यह एक अद्वितीय सामूहिक उत्सव बन जाता है।

संस्कृति का संगम: उपसंहार

मां नंदा सुनंदा महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का संगम है। यह समारोह प्रेम, भक्ति और सद्भाव का खूबसूरत उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस उत्सव के जरिए, हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हैं और भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करते हैं, जीवन में भक्ति और प्रेम की महत्वता का संदेश देते हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट YoungsIndia पर जा सकते हैं।

टीम यंग्सइंडिया - सुमेधा शर्मा

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