देहरादून: सीएम धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

Sep 2, 2025 - 16:30
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देहरादून: सीएम धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
देहरादून: सीएम धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

देहरादून: सीएम धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

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कम शब्दों में कहें तो, 2 सितंबर 1994 का दिन राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में जानकर मासूम लोगों की हत्या का दिन था। यह दिन आज भी हमारे दिलों में दर्द भरे जज़्बात छोड़ता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।

मसूरी गोलीकांड का काला दिन

यह घटना दो सितंबर 1994 को हुई थी, जब मसूरी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों पर फायरिंग की गई थी। इस गोलीकांड में कई बेगुनाह लोग मारे गए थे, जिस कारण यह दिन इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया। मुख्यमंत्री धामी ने इस दिन को याद करते हुए कहा कि यह घटना केवल एक संवेदनहीनता का प्रतीक नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक कलंक है।

सीएम धामी का बयान

सीएम धामी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "हमारे समाज के लिए यह अविस्मरणीय दिन है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि उन शहीदों ने हमारे लिए क्या किया।" उन्होंने सरकार की ओर से इस त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

शहीदों की याद में आयोजन

श्रद्धांजलि के इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर वर्ष इस दिन को विशेष रूप से मनाएगी, ताकि युवा पीढ़ी को इस घटना की विकरालता का एहसास हो सके। उन्होंने यथाशक्ति शांति और सहानुभूति का संदेश दिया।

समाज के प्रति जिम्मेदारी

इस शोक सभा में कई समाजसेवियों और नागरिकों ने भी हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर इस घटना पर शोक व्यक्त किया और शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी से अपील की कि वे हमेशा मानवता की भलाई के लिए कार्य करें और एक सुरक्षित समाज का निर्माण करें।

निष्कर्ष

मसूरी गोलीकांड की याद हमें यह सिखाती है कि समाज में शांति और सहिष्णुता बनाए रखने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाएं। ऐसे भयानक विसंगतियों को कभी नहीं भुलाना चाहिए। इस तरह की घटनाएं हमें यह समझने का मौका देती हैं कि मेहनत, बलिदान और सहानुभूति से ही हम सच्चे इंसान बन सकते हैं।

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टीम यंग्सइंडिया

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