देहरादून: फॉरेस्‍ट रेंज से सटे क्षेत्र में गुलदार की उपस्थिति से फैली दहशत

Oct 4, 2025 - 16:30
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देहरादून: फॉरेस्‍ट रेंज से सटे क्षेत्र में गुलदार की उपस्थिति से फैली दहशत
देहरादून: फॉरेस्‍ट रेंज से सटे क्षेत्र में गुलदार की उपस्थिति से फैली दहशत

देहरादून: फॉरेस्‍ट रेंज से सटे क्षेत्र में गुलदार की उपस्थिति से फैली दहशत

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कम शब्दों में कहें तो

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में आदमखोर जानवरों की समस्या गहराती जा रही है। देहरादून के सेलाकुई इलाके के अटकफार्म खैरी में बार-बार गुलदार के देखे जाने से नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है। लोग अपना रोजमर्रा का काम भी करने में संकोच कर रहे हैं।

आदमखोर जानवरों का संकट

उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों में अभी हालिया समय में कई बार आदमखोर जानवरों की मौजूदगी ने लोगों को चिंतित किया है। विशेष रूप से देहरादून क्षेत्र के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। यहां अटकफार्म खैरी में बार-बार गुलदार के दिखने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इससे क्षेत्रवासियों में डर का माहौल बना हुआ है।

सुरक्षा की चिंता

स्थानीय निवासी अब अपने घरों से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है क्योंकि गुलदार की चमकदार आंखें और उसका शिकार करने का स्वभाव उन्हें डराने वाला बना है। लोग अपने दैनिक काम से भी घर से बाहर जाने में डर रहे हैं, जो उनकी जीवनशैली पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

सूचना और उपाय

स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में पिंजरे लगाने और सुरक्षा उपायों को अपनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि इन आदमखोर जानवरों को नियंत्रित किया जा सके। बहरहाल, लोगों में फैली दहशत को खत्म करने के लिए अधिक जानकारियों और जागरूकता की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह नियमित रूप से लोगों को जानकारी प्रदान करे और सुरक्षा कार्यवाही के बारे में जागरूक करे।

स्थानीय प्रतिक्रिया

सामुदायिक स्तर पर, लोग अब एकजुट होकर इस समस्या का सामना कर रहे हैं। कई परिवार रात में अपने घर के बाहर बिस्तर लगाकर सोने की सोच रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना का सामना कर सकें। बच्चों के लिए स्कूल जा पाना भी एक चुनौती बनता जा रहा है।

विशेषज्ञों की राय

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यह गुलदार का व्यवहार भोजन की कमी के कारण है। जब जंगल में भोजन की कमी होती है, तो ये जानवर आबाद क्षेत्रों की ओर रुख करते हैं। इससे यह आवश्यक हो जाता है कि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे इन जानवरों से सुरक्षित रह सकें।

आगे का रास्ता

उम्मीद की जाती है कि प्रशासन जल्द ही इस गंभीर मुद्दे पर कुछ ठोस कदम उठाएगा। तात्कालिक उपायों में सुरक्षा घेराबंदी, और स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित करना शामिल है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

इस पूरे परिदृश्य में, यह जरूरी है कि लोग अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत रहें और केवल तभी बाहर निकलें जब आवश्यक हो। प्रशासन और स्थानीय निकायों को मिलकर इस समस्या के समाधान हेतु पहल करनी चाहिए।

इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है। यदि आप अधिक जानकारी या अपडेट चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर जाएं: https://youngsindia.com.

टीम यंग्सइंडिया
(सुनयना डोगरा)

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