झारखंड में खाट पर बीमार बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचा पिता, सरकारी योजनाएं बेअसर
झारखंड में खाट पर बीमार बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचा पिता, सरकारी योजनाएं बेअसर
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - YoungsIndia
आशीष सिंह, पाकुड़, झारखंड – राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की अभाव और सरकारी योजनाओं की अनुपालना का संकट एक बार फिर उजागर हुआ है। अमड़ापाड़ा प्रखंड के डूमरचीर पंचायत के बड़ा बास्को पहाड़ गांव के एक गरीब पिता ने अपने गंभीर रूप से बीमार बेटे को इलाज के लिए खाट पर लादकर लगभग दो किलोमीटर का कठिन सफर तय किया। इस हृदय विदारक घटना ने न केवल सरकारी दावों पर सवाल उठाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि गांव की समस्याएं अभी भी अनसुलझी हैं।
खाट का किया गया उपयोग एम्बुलेंस के रूप में
कमला पहाड़िया का बेटा, बामना पहाड़िया, अचानक बीमार होकर असहाय हो गया। गांव में न तो कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है और न ही पहुंचने योग्य सड़कें। जब स्थिति गंभीर हो गई, कमला ने खाट को ही एम्बुलेंस बना दिया। उन्होंने अपने रिश्तेदारों और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बेटे को खाट पर लादकर मुश्किल भरे पहाड़ी रास्तों से दो किलोमीटर तक मुख्य सड़क तक पहुंचाने का प्रयास किया। वहां उन्हें किसी वाहन का इंतजाम कर बेटे को अस्पताल ले जाना पड़ा।
सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी
कमला पहाड़िया ने कहा, “हम एक लंबे समय से संपर्क सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बारिश में स्थिति और भी खराब हो जाती है, जिससे गर्भवती महिलाएं और बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाना बहुत कठिन हो जाता है।” अन्य ग्रामीणों ने भी यह बात साबित की कि सड़क संपर्क की कमी के कारण सरकारी सुविधाएं गांव तक नहीं पहुंचतीं, जिससे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और स्वास्थ्य सेवाओं का कोई पहुंच नहीं होता।
प्रशासनिक उदासीनता का प्रदर्शन
संगठन और सरकारें अक्सर मूलभूत सुविधाओं के वादे करती हैं, परंतु अब तक बड़े बास्को पहाड़ जैसे गांव इन योजनाओं से वंचित हैं। यह घटना प्रशासनिक उदासीनता की ओर इशारा करती है, जिससे गरीबों को जूझना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वादा किया है कि संपर्क सड़क बनवाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी ऐसे वादे किए गए हैं, जिन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
विशेष पहल की आवश्यकता
झारखंड के पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में विकास के लिए विशेष रणनीतियों की आवश्यकता है। यह घटनाक्रम प्रशासक और सरकार के लिए यह संकेत करता है कि उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और यातायात जैसी मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान देना होगा।
सामाजिक संगठनों की अपील
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इस घटना को गंभीर रूप से लिया है और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते स्वास्थ्य और संपर्क मार्गों का विकास नहीं हुआ, तो भविष्य में और भी हृदय विदारक घटनाएं हो सकती हैं।
निष्कर्ष
बड़ा बास्को पहाड़ में खाट पर अपने बीमार बेटे को अस्पताल ले जाने के इस पिता की कहानी केवल एक खबर भर नहीं है, बल्कि यह एक पूरी सामाजिक समस्या की आवाज है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी कुछ भारतीय नागरिकों को बुनियादी मानवाधिकारों के लिए संघर्ष क्यों करना पड़ता है। हमें चाहिए कि हमारे प्रशासन और सरकार सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, गुणवत्ता के काम पर ध्यान दें — ताकि अगली बार कोई पिता अपने बीमार बेटे को खाट पर सफर करने को मजबूर न हो।
कम शब्दों में कहें तो, झारखंड के गांवों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव जारी है, जो सरकार की योजनाओं की असफलता को दर्शाता है।
अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें: Youngs India
सादर,
टीम यंग्सइंडिया,
प्रिया शर्मा
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0