उत्तराखंड में 10560 दम्पतियों को आईवीएफ तकनीकी का मिला लाभ: डॉ. धन सिंह रावत

उत्तराखंड में 10560 दम्पतियों को आईवीएफ तकनीकी का मिला लाभ: डॉ. धन सिंह रावत
देहरादून: उत्तराखंड में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 के प्रावधानों के तहत 10560 निःसंतान दम्पतियों को संतान सुख प्राप्त हुआ है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दी।
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की सरकार ने दम्पतियों के लिए सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इस नीति के तहत, कई दम्पतियों को संतान सुख मिल रहा है जिन्होंने लंबे समय से संतान की希望 की थी।
एआरटी और सरोगेसी कानून का महत्व
एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 को लागू करने का मुख्य उद्देश्य निःसंतान दम्पतियों की समस्याओं को समझना और उन्हें समाधान प्रदान करना है। इस कानून के माध्यम से, दम्पतियों को न केवल चिकित्सा सहायता मिलती है, बल्कि उन्हें कानूनी सुरक्षा भी प्राप्त होती है।
रिपोर्ट के अनुसार लाभान्वित दम्पति
इस पहल से लाभान्वित दम्पतियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार, आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल करने वाले दम्पतियों की संख्या 10560 तक पहुँच गई है। यह दर्शाता है कि लोग इस तकनीक को कितनी सकारात्मकता से अपना रहे हैं।
समाज में जागरूकता
आईवीएफ तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार न केवल तकनीकी सहायता प्रदान करेगी, बल्कि इसके साथ ही दम्पतियों को सही जानकारियाँ और मार्गदर्शन भी देगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार, उत्तराखंड सरकार की यह पहल निश्चित रूप से निःसंतान दम्पतियों के जीवन में एक नई उम्मीद लाई है। यदि आप इस विषय में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो यहाँ क्लिक करें।
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टीम यंग्सइंडिया, साक्षी मेहरोत्रा
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