Uttarakhand: काशीपुर स्कूल में 9वीं के छात्र ने शिक्षक पर गोली चलाई, सुरक्षा खामियों पर सवाल और परामर्श की मांग तेज

Aug 21, 2025 - 16:30
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Uttarakhand: काशीपुर स्कूल में 9वीं के छात्र ने शिक्षक पर गोली चलाई, सुरक्षा खामियों पर सवाल और परामर्श की मांग तेज
Uttarakhand: काशीपुर में 9 वीं के छात्र ने अपने शिक्षक पर इसलिए चलाई गोली, शिक्षकों में रोष

काशीपुर में 9वीं के छात्र की गोलीबारी: स्कूल सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा सवाल

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कम शब्दों में कहें तो, उधमसिंह नगर के काशीपुर में एक 9वीं कक्षा के छात्र ने कक्षा के दौरान शिक्षक पर गोली चला दी, शिक्षक घायल हैं और मामले ने स्कूल सुरक्षा व छात्र परामर्श की गंभीर कमी को उजागर कर दिया है।

घटना क्या हुई

गुरुवार को काशीपुर के एक स्कूल में पढ़ाई के दौरान 9वीं के छात्र ने शिक्षक पर फायरिंग कर दी। घायल शिक्षक का उपचार जारी है। घटना के बाद परिसर में अफरा-तफरी मच गई और प्रशासन ने तत्काल सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। इस वारदात ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया है और शिक्षकों में तीखा रोष है।

पुलिस जांच और वर्तमान स्थिति

पुलिस ने नाबालिग छात्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। हथियार की उत्पत्ति, परिसर में प्रवेश का तरीका, और संभावित उकसावे की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज, सहपाठियों व स्टाफ के बयान जुटाए जा रहे हैं। नाबालिग होने की स्थिति में किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधान लागू हो सकते हैं।

शिक्षक समुदाय की प्रतिक्रिया

शिक्षक संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए सभी स्कूलों में सुरक्षा ऑडिट, प्रवेश नियंत्रण, विज़िटर मैनेजमेंट और तत्काळ मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग उठाई है। कई शिक्षकों ने कहा कि अनुशासन और संवाद दोनों साथ चलें—कठोर दंड के बजाय सुधारात्मक उपायों पर जोर हो।

विशेषज्ञ राय: सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य दोनों जरूरी

शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार CBSE/राज्य दिशानिर्देशों के अनुरूप एंटी-बुलिंग कमेटी, स्कूल काउंसलर, नियमित बैग-चेकिंग, और संवेदनशीलता सत्र अनिवार्य किए जाएं। अभिभावकों के साथ मासिक PTA मीट, छात्र शिकायत पोर्टल, और भावनात्मक कल्याण (SEL) सत्र हिंसक प्रवृत्तियों को शुरुआती स्तर पर पहचानने में मदद करते हैं।

क्या बदलना होगा

– प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जाँच और हथियार-निरोधक नीति का सख्त पालन।
– हर सेक्शन के लिए मेंटर-टीचर मॉडल, ताकि बच्चे खुलकर अपनी बात रख सकें।
– संकट-प्रबंधन ड्रिल और समयबद्ध काउंसलिंग रिफरल।
– जरूरतमंद बच्चों और परिवारों के लिए हेल्पलाइन: 1098 (चाइल्डलाइन), 112 (आपात सहायता)।

निष्कर्ष

यह मामला केवल एक स्कूल की सुरक्षा नहीं, बल्कि हमारे सामूहिक जिम्मेदारीबोध की परीक्षा है। संवाद, परामर्श और स्मार्ट सुरक्षा ही टिकाऊ समाधान हैं। अधिक अपडेट्स और विश्वसनीय खबरों के लिए YoungsIndia विजिट करें।

रिपोर्ट: नेहा वर्मा | टीम यंग्सइंडिया

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