मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एस.आर हरनोट को दिया नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एस.आर हरनोट को दिया नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से सम्मानित किया है।

देहरादून: रविवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से नवाज़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "नरेन्द्र सिंह नेगी ने अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की आत्मा को स्वर दिया है और उन्होंने लोक जीवन की पीड़ा, प्रेम, संघर्ष और सौंदर्य को सुरों में ढालकर इसे जीवंत किया है।" उन्होंने यह भी बताया कि नेगी ने पलायन के दर्द और पर्यावरण की चिंताओं पर कई मार्मिक गीत लिखे हैं।
लोक कला और साहित्य का आदान-प्रदान
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे राज्य के पारंपरिक गीत जैसे जागर, मांगल, खुदेड़, और अन्य, हमारी जीवन शैली और भावनाओं का पर्दाफाश करते हैं। ढोल, दमाऊ, हुरका जैसे वाद्य यंत्र इन गीतों को और भी जीवंत बनाते हैं।
सरकार की पहलें
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड की लोक कलाओं को संरक्षित करने और समृद्ध बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। "हमें लॉकडाउन के दौरान कोरोना काल में लगभग 3,200 लोक कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई," उन्होंने कहा।
इसके साथ ही उन्होंने 60 वर्ष से अधिक आयु के अस्वस्थ लोक कलाकारों को पेंशन देने के बारे में भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार साहित्य भूषण और लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे पुरस्कारों के माध्यम से साहित्यकारों को सम्मानित कर रही है।
सांस्कृतिक संवर्धन का कार्य
इस समारोह में विभिन्न लोक कलाकारों जैसे कि नरेन्द्र सिंह नेगी, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, और अन्य जानी-मानी शख्सियतें उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़े रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इस प्रकार, यह आयोजन न केवल एस.आर हरनोट के सम्मान का पन्ना था, बल्कि उत्तराखंड और हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक महत्वपूर्ण कदम भी था।
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टीम यंग्सइंडिया
स्नेहा शर्मा
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