देवप्रयाग में ओंकारानंद सरस्वती महाविद्यालय में गर्व के साथ गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई

Oct 3, 2025 - 08:30
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देवप्रयाग में ओंकारानंद सरस्वती महाविद्यालय में गर्व के साथ गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई
देवप्रयाग में ओंकारानंद सरस्वती महाविद्यालय में गर्व के साथ गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई

देवप्रयाग में ओंकारानंद सरस्वती महाविद्यालय में गर्व के साथ गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई

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कम शब्दों में कहें तो, ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती का आयोजन हर्षोल्लास और उत्साह के साथ किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के बीच एकता और सम्मान को दर्शाता है।

गांधी-शास्त्री जयंती का महत्व

गांधी जयंती, जो हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, महात्मा गांधी की जयंती है। यह दिन न केवल भारत बल्कि विश्वभर में अहिंसा और शांति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। वहीं, लाल बहादुर शास्त्री जयंती, जो 2 अक्टूबर को ही आती है, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, जिनके नेतृत्व में देश ने 1965 की Indo-Pak युद्ध में साहसिक विजय प्राप्त की थी, को याद करने का दिन है।

कार्यक्रम का आयोजन

कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य ने एक प्रेरणादायक भाषण के साथ किया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए गांधी और शास्त्री के विचारों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गीत, और नाटक प्रस्तुत किए।

छात्रों की भागीदारी

छात्रों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय भाग लिया और अपने विचारों और अनुभवों को साझा किया। उन्होंने गांधी और शास्त्री के जीवन पर आधारित कई प्रेरणादायक भाषाएँ प्रस्तुत कीं, जिससे उपस्थित सभी लोगों में जोश और उत्साह का संचार हुआ। यह आयोजन न केवल महाविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे देवप्रयाग क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बना।

समापन पर विचार

कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ, जिसने सभी को एकजुटता और शांति के संदेश के प्रति प्रेरित किया। आयोजकों ने छात्रों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया और इसे एक सफल आयोजन के रूप में देखा।

ऐसे आयोजनों से न केवल विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ती है, बल्कि वे महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचारों को जीवन में उतारने के लिए भी प्रेरित होते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम सामुदायिक भावनाओं को मजबूत करते हैं और सभी को एक नये दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करते हैं।

शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में ऐसे आयोजन हमारी युवा पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही, छात्र-छात्राएँ गांधी औऱ शास्त्री के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें, ऐसी अपेक्षा की जाती है।

इसके अलावा, अधिक अपडेट्स के लिए हमारा वेबसाइट YoungsIndia पर अवश्य देखें।

टीम यंग्सइंडिया
— प्रिया शर्मा

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