उत्तराखंड में हरेला पर्व पर MDDA की हरित पहल, 60,000 पौधों का वृक्षारोपण कार्यक्रम

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में हरेला पर्व के अवसर पर मुनिसिपल डेवेलपमेंट डिपार्टमेंट (MDDA) ने एक विशेष हरित पहल की शुरुआत की है। इस पर्व के तहत वृक्षारोपण और पौधा वितरण का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें पूरे शहर में 60,000 पौधे लगाने का संकल्प लिया गया। यह कार्यक्रम डिफेंस कॉलोनी के गौरा देवी पार्क और आढ़त बाजार में आयोजित किया गया, जहां VC MDDA बंशीधर तिवारी ने पौधे रोपे।
कार्यक्रम का उद्देश्य
MDDA के इस आयोजन का उद्देश्य न केवल वृक्षारोपण करना है, बल्कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना भी है। बंशीधर तिवारी ने कहा, "हरेला पर्व संस्कृति और जिम्मेदारी का संगम है," जो हमारे पारिस्थितिकी संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पहल का महत्व इस बात में है कि यह न केवल पर्यावरण को संतुलित करता है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
वृक्षारोपण का महत्व
वृक्षारोपण से पर्यावरण में सुधार होता है, हवा की गुणवत्ता बेहतर होती है और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक मजबूत कदम होता है। पौधों के रोपण से जीव-जंतु और पक्षियों का आवास सुरक्षित होता है। साथ ही, स्थानीय समुदाय के लिए फलों और छाया की उपलब्धता से आर्थिक लाभ भी होता है।
भविष्य की योजना
MDDA ने पूरे शहर में 60,000 पौधे लगाने का दीर्घकालिक योजना बनाई है। इस प्रक्रिया में पौधों की देखभाल और संरक्षण की जिम्मेदारी स्थानीय समुदायों को सौंपी जाएगी। इससे लोगों में जिम्मेदारी का भाव विकसित होगा और वे अपने आसपास के पर्यावरण की रक्षा करने में सक्षम होंगे।
स्थानीय सहभागिता
इस कार्यकम में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। बंशीधर तिवारी ने सभी से आग्रह किया कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और अपने आस-पास पौधे लगाएं। उन्होंने इस पहल का महत्व बताते हुए कहा कि समुदाय की सहभागिता के बिना इस जैसे कार्यक्रमों का सफल होना मुश्किल है।
समापन विचार
MDDA की यह हरित पहल हरेला पर्व की गरिमा को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी है। आइए हम सब मिलकर अपने पर्यावरण की रक्षा करें और इसे सहेजने का संकल्प लें। इस तरह के आयोजनों से हम एक स्वस्थ और हरित समाज की दिशा में बढ़ सकते हैं।
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सादर, टीम यंग्सइंडिया - साक्षी
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