उत्तराखण्ड का आत्मनिर्भरता का सपना: सीएम धामी की पहल से महिलाओं का हो रहा सशक्तिकरण

उत्तराखण्ड का आत्मनिर्भरता का सपना: सीएम धामी की पहल से महिलाओं का हो रहा सशक्तिकरण
कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार का 'आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड' का संकल्प अब साकार हो रहा है। पौड़ी गढ़वाल की महिलाएं लिलियम फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं।
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - YoungsIndia

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देश में, उत्तराखण्ड सरकार का 'आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड' का संकल्प अब धरातल पर खिल रहा है। पौड़ी गढ़वाल के कोट ब्लॉक की महिलाएं लिलियम फूलों की खेती करके नई पहचान बना रही हैं। यह पहल न केवल उनके जीवन में खुशबू और समृद्धि भर रही है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल भी प्रस्तुत कर रही है।
ग्रामोत्थान परियोजना एवं उद्यान विभाग के संयुक्त प्रयास से कोट ब्लॉक में 22 पॉली हाउस बनाए गए हैं। पहले चरण में महिला समूहों ने हॉलैंड से आयातित ओरिएंटल और डांसिंग स्टार वैरायटी के बल्ब लगाए हैं, जो धीरे-धीरे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रहे हैं।
महिलाओं को जिला योजना से 50 प्रतिशत अनुदान और सभी स्तरों पर मदद करने की गारंटी मिल रही है। ए-ग्रेड लिलियम की कीमत 80 रुपये, बी-ग्रेड 70 रुपये और सी-ग्रेड 60 रुपये तय की गई है। इससे उन महिलाओं को प्रति वर्ष 10 लाख रुपये की आय का लक्ष्य प्राप्त करने का अवसर मिला है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मत
मुख्यमंत्री धामी का कहना है, "उत्तराखण्ड की मातृशक्ति हमारे राज्य की असली ताकत है। कोट ब्लॉक की महिलाओं ने साबित कर दिया है कि अगर संकल्प हो तो कठिन से कठिन काम भी संभव हो सकते हैं। यह केवल फूलों की खेती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण है। हमारी सरकार हर बेटी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण और नवाचार आधारित खेती की रणनीतियों को भी नया दिशा दे रही है।
मुख्यमंत्री का विजन
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "हमारा उद्देश्य है कि उत्तराखण्ड की हर बेटी और हर महिला अपने सपनों को पूरा कर सके। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का रास्ता हमारी मातृशक्ति की मेहनत से ही खुलता है।"
कोट की धरती से उठ रही खुशबू एक दिन पूरे उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी। यह एक नई शुरुआत है जो महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है।
इस प्रकार, 'आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड' का सपना अब साकार होने की ओर बढ़ रहा है और इसकी सबसे बड़ी भागीदारी वह मातृशक्ति है जो अपने कार्य के माध्यम से अपने और अपने समुदाय का जीवन स्तर ऊंचा कर रही है।
अधिक जानकारी और ताजा खबरों के लिए विजिट करें youngsindia.com.
— टीम यंग्सइंडिया, सिया शर्मा
What's Your Reaction?






