उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने तीन माह में लंबित राजस्व वाद निस्तारित करने का दिया निर्देश

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने तीन माह में लंबित राजस्व वाद निस्तारित करने का दिया निर्देश
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने हाल ही में राजस्व परिषद सभागार में जिलाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने तीन माह के भीतर लंबित राजस्व मामलों को निस्तारित करने के लिए सख्त निर्देश दिए। यह निर्णय जनता को बेहतर प्रशासन सेवाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
राज्य में तेजी से बढ़ते जनसंख्या और भूमि विवादों के कारण, राजस्व वाद की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि लंबित मामलों का जल्द समाधान होना आवश्यक है, ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मुख्य सचिव का दृष्टिकोण
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लंबित राजस्व मामले समय पर निस्तारित हों। इससे न केवल जनता का भरोसा बढ़ेगा बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।” उन्होंने जिलाधिकारियों से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
राजस्व मामलों के निस्तारण में देरी अक्सर न्याय में देरी का कारण बनती है, जिसके फलस्वरूप लोग परेशानी में पड़ जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए एक ठोस कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए।
बैठक में उठे मुद्दे
बैठक में विभिन्न जिलाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में लंबित मामलों की स्थिति और निस्तारण की प्रक्रिया पर चर्चा की। हर जिले में लंबित मामलों की संख्या को कम करने के लिए रणनीतियाँ बनाई गईं, ताकि मुख्य सचिव के निर्देशों का पालन किया जा सके।
अधिकारीयों की भूमिका
इस दिशा में अधिकारीयों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में सक्रियता से काम करना होगा और नागरिकों की समस्याओं का शीघ्र हल निकालने का प्रयास करना होगा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने स्तर पर निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि सभी लंबित मामले निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटाए जाएं।
इसी के साथ-साथ, उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी भी जिला अधिकारी को किसी विशेष मामले में दिक्कत होती है, तो उसे उच्च अधिकारियों को तत्काल सूचित करना चाहिए।
निष्कर्ष
बहरहाल, यह निर्देश उत्तराखंड सरकार की प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह शासन के प्रति लोगों के विश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। अगर यह पहल सफल होती है, तो यह न केवल यह सुनिश्चित करेगा कि लोगों को समय पर न्याय मिले, बल्कि प्रशासन की दक्षता को भी बढ़ाएगा।
राजस्व संबंधी विवादों को सुलझाना सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार के निर्णय से राज्य के नागरिकों को मजबूत प्रशासन प्रणाली और न्याय मिल सकेगा।
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टीम यंग्सइंडिया, प्रियंका शर्मा
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